160.00

MRP ₹168 5% off
Shipping calculated at checkout.

Specifications

Genre

Spiritual, Novels & Short Stories

Print Length

160 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2015

ISBN

9788170287230

Weight

205 Gram

Description

महान शिक्षक जे. कृष्णामूर्ति की वार्ताओं तथा लेखन से संकलित संक्षिप्त उद्धरणों का यह क्लासिक संग्रह ध्यान के संदर्भ में उनकी शिक्षा का सार प्रस्तुत करता है-अवधान यहि, होश की वह अवस्था जो विचार से परे है, जो समस्त द्वंद्व, भय व दुख से पूति: कुंती लाती है जिनसे मनुष्य-चेतना की अंतर्वस्तु निर्मित है । इस परिवद्धित संस्करण में मूल संकलन की अपेक्षा कृष्णमूर्ति के और अधिक वचन संगृहीत है, जिनमें कुछ अब तक अप्रकाशित सामग्री भी सम्मिलित हैl


Ratings & Reviews

0

out of 5

  • 5 Star
    0%
  • 4 Star
    0%
  • 3 Star
    0%
  • 2 Star
    0%
  • 1 Star
    0%