₹250.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
206 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2012
ISBN
9788170282983
Weight
365 Gram
प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर की आत्मकथा के दो खंड प्रकाशित होकर बहुत लोकप्रिय हो चुके हैं। ये एक व्यक्ति से जुड़े होने पर भी अपने-आप में स्वतंत्र हैं और समय के क्रम में मोटे तौर पर ही चलते हैं। तीसरे खंड, 'जलती हुई नदी' की थीम भी एक रहस्यमयी स्त्री से बँधी आरम्भ से अंत तक चलती है। उसी के साथ वे व्यक्तियों और घटनाओं को अपनी विशिष्ट ईमानदारी और बेबाकी के साथ साहित्य, कला और फिल्म की कहानी कहते चलते हैं। बंबई के फिल्म-जगत में प्रतिष्ठित होने वाले कमलेश्वर हिन्दी साहित्य के पहले अग्रणी लेखक थे, और इस दुनिया का चित्रण भी उनका सबसे अलग और विशिष्ट है। ये झांकियाँ बहुत आकर्षक बन पड़ी हैं।
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