₹225.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
172 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2011
ISBN
9788170289180
Weight
220 Gram
जिनके लेखन ने न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पाठकों में भी अपनी जगह बनाई | उन्होंने अपने उपन्यासों और कहानियों के लिए न केवल रोचक विषयों को चुना, बल्कि उन्हें अपने चुटीले संवादों से इतना चटपटा भी बना दिया कि जिसने भी उन्हें और बढ़ गई | नारायण ने अपनी कल्पनाओं में मालगुडी नाम का एक शहर बसाया और फिर उसके इर्द-गिर्द अनेकों कहानियां बुन डालीं | 'नागराज की दुनिया' भी मालगुडी की ही पृष्ठभूमि में रचा एक अनूठा उपन्यास है। नागराज का अपनी पत्नी के साथ खूब मजे से जीवन कट रहा है | उनके पास रहने को एक बड़ा-सा धर ते और करने को सिर्फ मनपसंद काम | बरामदे में बैठकर सड़क की रौनक देखना, पत्नी के साथ गप-शप करते हर कॉफी पीना और अपनी किताब की योजना बनाना नागराज उथल-पुथल मच जाती है जब उसका भतीजा टिम वहां रहने आ जाता हैl
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