Kab Tak Pukaarun (कब तक पुकारूँ)

By Rangey Raghav (रांगेय राघव)

Kab Tak Pukaarun (कब तक पुकारूँ)

By Rangey Raghav (रांगेय राघव)

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Specifications

Genre

Novels & Short Stories, Memoir & Biography

Print Length

440 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2012

ISBN

9789350640357

Weight

555 Gram

Description

रांगेय राघव हिन्दी के उन प्रतिभाशाली लेखकों में से हैं जिन्होंने साहित्य के विविध अंगों की समृद्धि के लिए अपनी कुशल लेखनी से अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्धों का सृजन किया । उनकी कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना तथा इतिहास आदि विषयक अनेक उपादेय कृतियां इस कथन की साती हैं । मूलत: दाक्षिणात्य होते हुए भी उन्होंने जिस जागरूक प्रतिभा, योग्यता तथा कुशलता से हिन्दी साहित्य के बी-वर्द्धन मेँ अपना अविस्मरणीय योगदान दिवा, वह इतिहास के पम्मी में दर्ज हैl 'कब तक पुकारूँ' यह रांगेय राघव जी की प्रतिभा और लेखन-क्षमता को अभिषिक्त करनेवाली जीवंत औपन्यासिक रचना है। इसमे उन्होंने समाज के सर्वथा उपेक्षित उस वर्ग का चित्रण अत्यंत सरल और रोचक शैली में प्रस्तुत किया है जिसे सभ्य समाज 'नट' या 'करनट' कहकर पुकारता है। इस पुस्तक की गणना हिंदी के कालजयी साहित्य में की जाती है


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