Gurudutt Ke Saath Ek Dashak (गुरुदत्त के साथ एक दशक)

By Satya Saran (सत्य सरन)

Gurudutt Ke Saath Ek Dashak (गुरुदत्त के साथ एक दशक)

By Satya Saran (सत्य सरन)

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Specifications

Genre

Novels & Short Stories, Memoir & Biography

Print Length

224 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2011

ISBN

9788170289326

Weight

300 Gram

Description

गुरु दत्त और अब्रार आल्पी " मुझे पता था कि गुरू दत्त अपनी कुण्डली पहले भी बनवा चुके थे और तो और उन्होंने मेरी भी कुण्डली बनवा दी थी, संयोग से हम दोनों की राशि एक ही निकली। उनका जन्म नौ को हुआ था। जब उन्हें ज्ञात हुआ कि मेरी पैदाइश एक ही थी तो वह बहुत प्रसन्न हुए। "नो और एक मिल कर दस होते है, और दस एक बहुत ही शक्तिशाली संख्या है'। पण्डित ने कुण्डली देख कर कहा, 'यह एक उत्तम कुण्डली है। अगला दशक चिन्तामुक्त रहेगा और जीवन मंगलमय।' 'और दस वर्ष के बाद ?, जिज्ञासु दत्त ने प्रश्न किया था। गुरु दत्त के प्रश्न के उत्तर में पण्डित ने उन्हें ध्यान से देख कर कहा, 'अगले दशक के बाद मुझे एक विप्लव की सम्भावना नजर आ रही है। तुम्हारीं और असार की साझेदारी के समापन के आसार है, अगर देखा जाये तो ज्योतिषी द्धारा की गयी यह भविष्यवाणी दत्त के व्यावसायिक जीवन के लिये प्रासंगिक थी। फिल्म जगत मेँ किसी के लिये भी उतार चढाव एक आम बात है, इसलिये मैंने ज्योतिष्यवाणी पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया परन्तु आगे जो घटा उसके कारण मेरा दृष्टीकोण बदल गया। मुझे अब नक्षत्रों के खेल पर विश्वास हो जाता था ."


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