शैलेश मटियानी हिंदी के शीर्षस्थ कहानीकार थे| यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वे प्रेमचंद के बाद के सबसे बड़े जनकथाकार थे| उन्हें ‘कथा-पुरुष’ भी कहा जाता है| भारतीय कथा साहित्य की जनवादी जातीय परंपरा से शैलेश मटियानी के कथा साहित्य का अटूट रिश्ता है| वे दबे-कुचले, भूखे-नंगों, दलितों-उपेक्षितों के व्यापक संसार को बड़ी आत्मीयता से अपनी कहानियों में पनाह देते हैं| उपेक्षित और बेसहारा लोग ही मटियानी की कहानी की ताकत हैं| दलित वर्ग से ही वे शक्ति पाते हैं और उस शक्ति का उपयोग वे उन्हीं की आवाज बुलंद करने के लिए करते हैं| उनके दलितों में नारी प्रमुख रूप से शामिल है| दलित जीवन का व्यापक और विशाल अनुभव और उनकी जिजीविषा एवं संघर्ष को बेधक कहानी में ढाल देने की सिद्धहस्तता ही मटियानी को कहानी के शिखर पर पहुँचाती है| मटियानी की कहानियों से गुजरना भूखे-नंगे, बेसहारा और दबे-कुचले लोगों की करुण कराह, भूख और मौत के आर्तनाद के बीच से गुजरना है| प्रस्तुत कथा संग्रह में शैलेश मटियानी की चुनी हुई सोलह कहानियाँ संगृहीत हैं| ये वे कहानियाँ हैं, जिन्हें मटियानीजी अपनी सर्वश्रेष्ठ कहानियों में स्थान देते हैं| ये कहानियाँ कारुणिक हैं, मार्मिक हैं, हृदयस्पर्शी हैं-जो पाठकों के अंतर्मन को छू जाएँगी|
Kanya Tatha Anya Kahaniyan (कन्या तथा अन्य कहानियाँ)
Price:
₹
250.00
Condition: New
Isbn: 818826640X
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels And Short Stories,
Publishing Date / Year: 2011
No of Pages: 192
Weight: 360 Gram
Total Price: ₹ 250.00
Reviews
There are no reviews yet.