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Main Savarkar Bol Raha Hoon (मैं सावरकर बोल रहा हूं)

Price: ₹ 350.00

Condition: New

Isbn: 9789380823263

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,Memoir And Biography,History,

Publishing Date / Year: 2013

No of Pages: 407

Weight: 480 Gram

Total Price: 350.00

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वीर सावरकर’-यह शब्द साहस, वीरता, देशभक्ति, दूरदर्शी राजनीतिज्ञ का पर्याय बन गया है| स्वातंत्र्यवीर सावरकर न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु वह एक महान् क्रांतिकारी, चिंतक, सिद्धहस्त लेखक, सशक्त कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे| वह एक ऐसे भारतीय इतिहासकार भी थे, जिन्होंने अपने महान् राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक रूप में लिपिबद्ध किया तो ‘1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर’ का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला दिया था| उनका यह महान् ग्रंथ प्रकाशित होने से पूर्व ही जब्त कर ब्रिटिश शासन ने उनकी लौह-लेखनी का लोहा माना था| ऐसे प्रथम भारतीय नागरिक, जिन पर हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाया गया| ऐसे प्रथम क्रांतिकारी, जिन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा दो बार आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई| प्रथम साहित्यकार, जिन्होंने लेखनी और कागज से वंचित होने पर भी अंडमान जेल की दीवारों पर कीलों, काँटों और यहाँ तक कि नाखूनों से विपुल साहित्य का सृजन किया और ऐसी सहस्रों पंक्तियों को वर्षों तक कंठस्थ कराकर अपने सहबंदियों द्वारा देशवासियों तक पहुँचाया| ऐसे प्रथम भारतीय लेखक, जिनकी पुस्तकें मुद्रित व प्रकाशित होने से पूर्व ही दो-दो सरकारों ने जब्त कर लीं| महान् क्रांतिकारी तथा चिंतक-विचारक-लेखक स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर के चिंतनपरक विचारों का अद्भुत संकलन|