Khushhaal Va Samriddha Vishwa (खुशाल वा समृद्ध विश्व)

By Srijan Pal Singh (सृजन पाल सिंह), A. P. J. Abdul Kalam (ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)

Khushhaal Va Samriddha Vishwa (खुशाल वा समृद्ध विश्व)

By Srijan Pal Singh (सृजन पाल सिंह), A. P. J. Abdul Kalam (ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)

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Specifications

Genre

Other

Print Length

144 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789350481653

Weight

260 Gram

Description

यह पुस्तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तथा उनके निकट सहयोगी सृजन पाल सिंह के प्रत्यक्ष अनुभवों पर आधारित है| इसमें विभिन्न क्षेत्रों में टिकाऊ विकास प्रणाली के विकास तथा क्रियान्वयन के ऐसे प्रमाण दिए गए हैं, जिनमें अलग परिस्थितियों में भिन्न रणनीतियाँ अपनाई गईं| यह पुस्तक वर्तमान मानव सभ्यता की चुनौतियों तथा अवसरों को समाहित करती है और दरशाती है कि किस प्रकार से विश्‍व के ग्रामीण लोगों की क्षमताओं के इस्तेमाल से सावधानीपूर्वक पुरा (PURA-Provision of Urban Amenities in Rural Areas) की टिकाऊ विकास प्रणाली को तैयार किया जा सकता है| इसमें भारतीय अनुभवों को ही नमूने के तौर पर इस्तेमाल किया गया है तथा मौजूदा उदाहरणों का हवाला देकर दिखाया गया है कि किस तरह से सीमित समय में पुरा प्रणालियों के जरिए सामाजिक परिवर्तन लागू किया जा सकता है| उल्लेखनीय है कि विकास का पुरा मॉडल अब केंद्र तथा राज्य सरकारों समेत कई निजी एवं शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा लागू किया जा रहा है| पुरा का प्रसार विश्‍व के अन्य भागों में भी किया जा रहा है और अमेरिका तथा अफ्रीका के इलाकों के लिए विशिष्‍ट योजनाएँ बनाई जा रही हैं| पुस्तक में इस बात पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है कि किस तरह से विभिन्न साझेदार-सरकार, निजी क्षेत्र और समुदाय-आपस में मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में काम करते हुए खुशहाल व समृद्ध विश्‍व के स्वप्न को साकार किया जा सकता है|


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