Desh - Seva Ke Akhade Mein (देश - सेवा के आखाडे में)

By Suryabala (सूर्यबाला)

Desh - Seva Ke Akhade Mein (देश - सेवा के आखाडे में)

By Suryabala (सूर्यबाला)

400.00

MRP ₹420 5% off
Shipping calculated at checkout.

Click below to request product

Specifications

Genre

Society and Culture

Print Length

154 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2018

ISBN

8188140295

Weight

315 Gram

Description

यह खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई कि मैं देश-सेवा के लिए उतरने वाला हूँ | जिसने सुना, भागा आया और मेरे निर्णय की दाद दी | बधाई-संदेशों का ताँता लग गया-' सुना, आप देश-सेवा के लिए उतर रहे हैं | ईश्‍वर देश का भला करें!' प्रस्ताव पर प्रस्ताव आने लगे कि बाइ द वे, शुरुआत कहाँ से कर रहे हैं? कौन सा एरिया चुन रहे हैं? हमारे अंचल से करिए न! बहुत स्कोप है | हेलीपैड बनकर विकसित होने लायक इफरात जमीन पड़ी है | आबो-हवा भी स्वास्थ्यप्रद है | ईश्‍वर की दया से गरीबी, भुखमरी और अशिक्षा आदि किसी बात की कमी नहीं | लोग भी सीधे-सादे, नादान किस्म के है-तो बहकने की कोई गुंजाइश नहीं | वर्षों सुख- शांति, अमन-चैन से गुजार सकेंगे आप ' माई बाप ', इन देश के लालों के साथ | ये हमेशा रोटी के लाले पड़े रहने पर भी कभी शिकवे-शिकायत नहीं करते | हर हाल में मुँह सिलकर रहने की जबरदस्त ट्रेनिंग मिली है इन्हें | मैंने सोचा, जगहें तो सारी एक सी हैं; ऐसे स्कोप कहाँ नहीं हैं! लेकिन जब कहा जा रहा है, ऑफर मिला है तो उन्हीं के एरिया से शुरुआत हो जाए | मेरा निश्‍चय सुनते ही प्रेसवाले दौड़े आए और आग की तरह फैलती इस खबर में घी डाल गए | -इसी संग्रह से


Ratings & Reviews

0

out of 5

  • 5 Star
    0%
  • 4 Star
    0%
  • 3 Star
    0%
  • 2 Star
    0%
  • 1 Star
    0%