By Uma Shankar Verma (उमाशंकर वर्मा), Arvind Ujval (अरविंद उज्ज्वल)
By Uma Shankar Verma (उमाशंकर वर्मा), Arvind Ujval (अरविंद उज्ज्वल)
₹150.00
MRPGenre
Letters And Essay, Anthologies
Print Length
119 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789350483114
Weight
270 Gram
बच्चनजी हिंदी काव्याकाश के एक जाज्वल्यमान नक्षत्र थे| कवि के रूप में तो वे सफल और सुख्यात थे ही, व्यक्ति के रूप में भी अत्यंत सहृदय और उदार थे| अपने जीवन में उन्होंने ढेरों पत्र लिखे| बच्चनजी के द्वारा उमाशंकर वर्मा को लिखे गए इन पत्रों में अधिकतर निजी बातें ही हैं; किंतु कभी-कभी इनमें साहित्यिक, राजनीतिक एवं अन्य विषयों की भी चर्चा हुई है, जिससे बच्चनजी की रुचियों व मनोभावों पर प्रकाश पड़ता है और उनके व्यक्तित्व-कृतित्व के कुछ अन्य पहलू भी उजागर होते हैं| इस संग्रह में वर्ष 1948 से 1992 तक की लगभग आधी सदी का उनका न सिर्फ अध्ययन, मनन-चिंतन वरन् जीवन ही सूक्ष्म रूप से प्रतिबिंबित है और इस दृष्टि से यह पत्र-संग्रह साहित्य-प्रेमियों तथा अनुसंधित्सुओं के लिए अवश्य ही महत्त्वपूर्ण व उपादेय सिद्ध होगा|
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