Shri Ram Leela

By Vanamali

Shri Ram Leela

By Vanamali

250.00

MRP ₹275 10% off
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Specifications

Genre

Devotional

Print Length

250 pages

Language

English

Publisher

Manjul Publication

Publication date

1 January 2016

ISBN

9788183227674

Weight

350 Gram

Description

"राम के नाम को अपने होठों के द्धार पर रत्नजड़ित दीपक की तरह रखने से भीतर तथा बाहर दोनों ओर प्रकाश रहेगा. जो यह नाम ध्यानमग्न होकर बार-बार लेंगे, वे अलौकिक शक्तियाँ हासिल करेंगे. जो पीड़ा से त्रस्त होने पर इसका इसका जाप करेंगे, वे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति पाएँगे. जो पूर्ण आस्था ओर निर्लिप्त भाव के साथ बार-बार इसका स्मरण करेंगे, वे प्रभु की असीम कृपा प्राप्त करेंगे. - श्री तुलसीदास कृत रामचरित मानस से वनमाली ने महान कवि वाल्मीकि के मूल संस्कृत शब्दों के प्रयोग ओर मौखिक परंपरागत कथाओं से परिष्कृत करके प्राचीन भारत के प्रेम, कर्तव्य ओर बलिदान की कथा रामायण को आधुनिक पाठकों के लिए पुनर्वर्णित किया है. विष्णु के सातवें अवतार, भगवान रामचंद्र के जीवन औऱ धर्म के विवरण द्वारा उन्होंने बताया है कि राम ने किस प्रकार धर्म के प्रति सत्यनिष्ठ रहते हुए दिव्यता प्राप्त की. अमंगलकारी शक्तियों के विरुद्ध राम का युद्ध, साहस औऱ निष्ठा, आध्यात्मिक भ्रम एवं मिथ्या आसक्ति तथा मानवीय व् दिव्य प्रेम की क्षमता का सशक्त उदहारण प्रस्तुत करता है. इस अमर कथा की गूढ़ विचारधारा तथा श्रेष्ठ ज्ञान को साधकर लेखिका ने यह बताया है कि राम के पात्र ने किस तरह हज़ारों वर्षों से भक्तों को मोहित किया हुआ है, क्योंकि उनकी कथा उस सनातन सत्य को दर्शाती है जो मानव स्वाभाव के श्रेष्ठ गुणों को आकर्षित करता है. वे इस बात को उजागर करती हैं कि यद्दपि राम विष्णु के अवतार हैं, तथापि उसके भीतर भी आसक्ति, कामनाएँ एवं क्रोध जैसी मानवीय दुर्बलताएँ मौजूद हैं. उनकी महानता इस बात में निहित है कि वे इन चारित्रिक दुर्बलताओँ से उपर उठे, अपने आध्यात्मिक कर्तव्य को निजी इच्छाओं से अधिक महत्व दिया तथा स्वयं को श्रेष्ठ बनाकर महामानव बन गए औऱ उन सबकी रक्षा की जिनसे वे अतिशय प्रेम करते थे. राम का जीवन यह दर्शाता है कि हम कितने भी दुर्बल क्यों न हों, किन्तु हम समर्पण, निष्ठा, लगन एवं प्रेम द्वारा आश्चर्यजनक कार्य कर सकते हैं.


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