₹200.00
MRPGenre
Nature
Print Length
362 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9788192850740
Weight
550 Gram
संसार के विलुप्त प्राणी डायनासोर के बारे में अब तक की गई खोजें दरशाती हैं कि पृथ्वी पर अलग-अलग प्रकार के प्राणियों का आधिपत्य रहा है| प्रकृति के कोप की विभिन्न मुद्राएँ भी सामने आई हैं-उल्काओं का गिरना, समुद्री तल का कभी ऊपर आ जाना तो कभी नीचे चला जाना, भयानक बाढ़, सुनामी आदि| डायनासोर अकेले प्राणी नहीं हैं, जो विलुप्त हुए| ऐसे और भी प्राणी होंगे| आगे होनेवाले अनुसंधानों में उनके बारे में भी अद्भुतजानकारियों का पिटारा खुलेगा| डायनासोर पर अनुसंधान अभी चल रहा है| आगे इसमें और रोचक मोड़ आएँगे| अब तक के अनुसंधानों पर आधारित हिंदी में यह सचित्र पुस्तक पाठकों की इससे संबंधित जानकारी में पर्याप्त वृद्धि करेगी| अभी भी डायनासोर के नए-नए जीवाश्म तलाशे जा रहे हैं| उन पर नई-नई मान्यताएँ सामने आ रही हैं| अत: यह कहा जा सकता है कि हिंदी में संभवत: यह इस विषय पर पहली पुस्तक तो है, पर अंतिम नहीं है| बच्चों ही नहीं, सभी आयु वर्ग के पाठकों में डायनासोर के बारे में जानने की अधिक जिज्ञासा रहती है| आशा है, यह पुस्तक अपने इस उद्देश्य को अवश्य पूरा करेगी|
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