₹300.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
188 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2015
ISBN
8173154384
Weight
305 Gram
स्वर्ण-रसायन के मोह और लोभ में हमारे देश के कुछ लोग कितने अंधे हो जाते हैं और सोना बनवाने के फेर में किस तरह अपने को लुटवा डालते हैं, यह बहुधा सुनाई पड़ता रहता है| वर्माजी ने उज्जैन के नगरसेठ व्याडि तथा कुछ अन्य के स्वर्ण-मोह और एक ठग सिद्ध एवं उसके शिष्य की कथा को आधार बनाकर यह नाटक लिखा है| निश्चय ही यह कृति पाठकों का भरपूर मनोरंजन करेगी|
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