₹400.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
176 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2012
ISBN
9789351868583
Weight
310 Gram
नूरबाई ने अपनी हँसी को समेटा | गरदन ने जरा-सी लचक खाई | बालों की एक काली लट गोरे गालों को छूकर कान के पास पहुँच गई | नूरबाई की बड़ी-बड़ी मद- भरी आँखें एक बार पूरी खुलीं, बरौनियों ने भौंहों का स्पर्श किया और फिर नीची पड़ गईं | वह मोहन को तिरछी चितवन देखने लगी | होंठों पर नुकीली मुसकान थी | एक क्षण बाद उसने कहा, 'मैंने सब पा लिया, सब | और आँचल बाँधकर गाँठ लगा ली | ' -इसी उपन्यास से
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