₹200.00
MRPGenre
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789380823140
Weight
285 Gram
ज्योतिष शास्त्र एक दुरूह विषय के रूप में जाना जाता था तथा एक सीमित वर्ग के बीच में ही प्रचलित था, परंतु वर्तमान समय में ज्योतिष शास्त्र के प्रचार-प्रसार के कारण आम जातक भी ज्योतिष में रुचि ले रहा है; परंतु संस्कृत भाषा एवं पंचांग ज्ञान के अभाव में आम जातक ज्योतिष शास्त्र को पढ़ने एवं सीखने में कठिनाई महसूस करता है| संस्कृत के विकल्प के रूप में आज बहुतायत पुस्तकें हिंदी भाषा में लिखी गई हैं, जो सर्वत्र उपलब्ध भी हैं, परंतु पंचांग का विकल्प आज भी उपलब्ध नहीं है| पंचांग ज्ञान की प्रामाणिक पुस्तक उपलब्ध न होने के कारण पंचांग ज्ञान से संबंधित विषय को समझने में कठिनाई होती है| इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर पंचांग ज्ञान को प्रचलित सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया गया है, ताकि विषय-वस्तु को समझने में नवीन विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई महसूस न हो तथा बिना किसी मदद के मात्र इसी पुस्तक से पंचांग का संपूर्ण ज्ञान संभव हो जाए| पंचांग में प्रयुक्त होनेवाली विभिन्न प्रकार की शब्दावली को सरल भाषा में उदाहरण सहित समझाया गया है| पुस्तक के अंतिम अध्याय के रूप में विभिन्न प्रकार की सारणियाँ दी गई हैं, जिससे पाठकों को अन्यत्र भटकना न पड़े| इसके अतिरिक्त पंचांग में अंकित विभिन्न प्रकार के व्रत, त्योहार, अंकित मुहूर्त आदि को भी समझाया गया है| पंचांग ज्ञान का समग्रता में परिचय करानेवाली लोकप्रिय पुस्तक|
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