₹295.00
MRPGenre
Memoir & Biography, Novels & Short Stories
Print Length
272 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788170281184
Weight
425 Gram
प्रख्यात हिन्दी कवि हरिवंशराय “बच्चन” की आत्मकथा का पहला खंड, “क्या भूलूँ क्या याद करूँ, जब 1969 में प्रकाशित हुआ तब हिन्दी साहित्य में मानो हलचलसी गई। यह हलचल 1955 में प्रकाशित “मधुशाला” से किसी भी प्रकार कम नहीं थी। अनेक समकालीन लेखकों ने इसे हिन्दी के इतिहास की ऐसी पहली घटना बताया अपने बारे में इतनी बेबाकी से सब कुछ कह देने का साहस किसी ने दिखाया। इसके बाद आत्मकथा के आगामी खंडों की बेताबी से प्रतीक्षा की जाने लगी और उन सभीःका जोरदार स्वागत होता रहा। प्रथम खंड “क्या भूलूँ क्या याद करूँ” के बाद “नीड़ का निर्माण फिर”, “बसेरे से दूर” और “ “दशद्वार' से 'सोपान” तक” लगभग पंद्रह वर्षों में इसके चार खंड प्रकाशित हुए। बच्चन की यह कृति आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति है और इसकी गणना कालजयी रचनाओं में की जाती है।
0
out of 5