₹295.00
MRPGenre
Memoir & Biography, Novels & Short Stories
Print Length
256 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788170281344
Weight
430 Gram
प्रख्यात हिन्दी कवि हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा का पहला खंड, ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, जब 1969 में प्रकाशित हुआ तब हिन्दी साहित्य में मानो हलचल-सी मच गई। यह हलचल 1935 में प्रकाशित मधुशाला से किसी भी प्रकार कम नहीं थी। समकालीन अनेक लेखकों ने इसे हिन्दी के इतिहास की ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारे में इतनी बेबाकी से सब कुछ कह देने के विकास और समूचे काल तथा क्षेत्र को भी उन्होंने अत्यन्त जीवन्त रूप में उभरकर प्रस्तुत किया। इसके बाद आत्मकथा के आगामी खंडों की बेताबी से प्रतीक्षा की जाने लगी और उन सभी का जोरदार स्वागत होता रहा सभी के अनेक संस्मरण हुए और हो रहे हैं। प्रथम खंड ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ के बाद ‘नीड़ का निर्माण फिर’, ‘बसेरे से दूर’ और ‘दशद्वार से सोपान तक’ लगभग पंद्रह वर्षों में उसके चार खंड प्रकाशित हुए। इस आत्मकथा के माध्यम से कवि ने गद्य-लेखक में भी नये मानदंड स्थापित किये।
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