₹150.00
MRPPrint Length
719 pages
Language
Hindi
Publisher
Gita Press
Publication date
1 January 2015
Weight
1390 Gram
भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यवाणी से निःसृत सर्वशास्त्रमयी श्रीमद्भगवद्गीता की विश्वमान्य महत्ता को दृष्टि में रखकर इस अमर संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से गीता प्रेस के आदि संस्थापक परम श्रद्धेय ब्रम्हलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दका द्वारा प्रणीत श्रीमद्भगवद्गीता की एक दिव्य टीका। इसमे 2515 प्रश्न और उनके उत्तर के रूप में प्रश्नोत्तर शैली में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लेकों की विस्तृत व्याख्या के साथ अनेक गूढ़ रहस्यों का सरल, सुबोध भाषा में सुन्दर प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्याय से सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति भी श्रीमद्भगवद्गीता के रहस्यों को आसानी से हृदयंगम कर अपने जीवन को धन्य कर सकता है।
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