जाँ दारागान एकान्त-पसन्द लेखक है जो पेरिस के शोरोगुल से दूर शान्ति से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। उसके शान्तमय जीवन में ऐसी उथल-पुथल मच जाती है जब सितम्बर की एक दोपहर को ओतोलीनी नामक एक व्यक्ति का फ़ोन आता है। ओतोलीनी के हाथ आयी है जाँ दारागान की पुरानी नोटबुक, जिसमें एक विशेष व्यक्ति का नाम दर्ज है, जिसके बारे में ओतोलीनी पूछताछ करना चाहता है। लेकिन लाख कोशिश करने पर भी दारागान, ओतोलीनी को उस व्यक्ति के बारे में कुछ बता नहीं पाता लेकिन ओतोलीनी के लिए उस व्यक्ति को ढूँढना बहुत ज़रूरी है। दारागान उस व्यक्ति की तलाश में ओतोलीनी के साथ लग जाता है और वहीं से उसकी ज़िन्दगी में एक अलग मोड़ आता है। इस कहानी की अपनी ही एक रहस्यमय लय और ताल है, पाठक जैसे-जैसे इसे पढ़ता है वह इन पात्रों की ज़िन्दगी में डूबता जाता है। 2014 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विश्वस्तरीय फ्रांसीसी लेखक, पाट्रिक मोदियानो, की गिनती इक्कीसवीं सदी के महत्त्वपूर्ण लेखकों में की जाती है। अब तक पाट्रिक मोदियानो की तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे उन गिने-चुने लेखकों में से हैं जिनको आलोचकों और पाठकों, दोनों के बीच समर्थन और लोकप्रियता मिली है। फ्रांस में उन्हें साहित्य में योगदान के लिए 2010 में Prix Mondial Cino Del Duca, पुरस्कार 2012 में Austrian State Prize for European Literature से सम्मानित किया गया। उनकी कृतियाँ विश्व की 30 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं।
Kahin Tum Bhatak Na Jaao (कहीं तुम भटक ना जाओ)
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₹
160.00
Condition: New
Isbn: 9789386534620
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Fiction,Thriller and Suspense,Novels And Short Stories,
Publishing Date / Year: 2018
No of Pages: 112
Weight: 192 Gram
Total Price: ₹ 160.00
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