अस्पताल हो और वह भी सरकारी तो उसका अपना अलग ही आनंद है | बस, शर्त यह है कि आपमें इस अद्भुत पर्यटन- स्थल में आनंद लेने की क्षमता अवश्य हो | ' क्षमता ' शब्द यहाँ हमारे विचार में अधिक उपयुक्त नहीं है, अंग्रेजी का ' स्टेमना ' अधिक उपयुक्त, सटीक एवं सार्थक है | वह जो किसी शायर ने कहा था-' सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहाँ ' तो उसका संकेत निश्चित रूप से अस्पताल की ओर ही था और सैर से उसका मतलब भ्रमण नहीं था, जनरल वार्ड की शय्या से ही था | तो शायर कहना चाहता था कि यदि आपने किसी अस्पताल के जनरल वार्ड में दो - चार दिन रहकर दुनिया की सैर नहीं की है तो समझ लीजिए, आपने कुछ नहीं किया | जिस प्रकार डॉक्टरों में विविध रोग विशेषज्ञ होते हैं ठीक उसी प्रकार मरीजों में भी अस्पताल विशेषज्ञ होते हैं | वे जानते हैं कि अस्पताल तक जाने, डॉक्टर तक पहुँचने तथा इलाज करवाने की सबसे बढ़िया विधि क्या है? इसलिए हमारी सलाह है कि आप जब भी बीमार हों, इन सिद्धहस्थ अस्पताल विशेषज्ञों की सेवाएँ अवश्य प्राप्त करें | हम सोचने लगे हैं कि अस्पतालों के गुण- अवगुण की जाँच अवश्य होनी चाहिए, सो हमने आज कुछ अस्पताल विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है, ताकि हम और आप उनके अनुभवों का लाभ उठा सकें और जान सकें कि सुनी-सुनाई और अनुभव की हुई में क्या अंतर होता है | चिकित्सा जगत् की विसंगतियों का पर्दाफाश करते ये व्यंग्य आपको भोगे यथार्थ का परिचय कराएँगे और तब आप इनकी धार से घायल होने का मात्र अभिनय नहीं कर पाएँगे |
Chikitsa Vyavastha Par Vyangya (चिकित्सा व्यवस्था पर व्यंग)
Author: Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)
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₹
200.00
Condition: New
Isbn: 8173151482
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Health And Healing,Humor,Medicine And Nursing,
Publishing Date / Year: 2011
No of Pages: 147
Weight: 300 Gram
Total Price: ₹ 200.00
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