200.00

MRP ₹210 5% off
Shipping calculated at checkout.

Specifications

Genre

Yoga And Fitness, Meditation, Health And Healing

Print Length

158 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2015

ISBN

9788185827636

Weight

320 Gram

Description

जिसे मृत्यु छीन ले, वह सब ' पर ' है | जिसे मृत्यु भी न छीन पाये, वह ' स्व ' है | इस ' स्व ' में जो स्थित है, सिर्फ वही स्वस्थ है, बाकी सब अस्वस्थ हैं | '' अपने चारों ओर ' पर ' का जो आग्रह है, संग्रह है, उसे ही परिग्रह कहा गया है | परिग्रह कोई वस्तु नहीं है, जिसका त्याग कर देने से परिग्रह हो जायेगा | यदि ' पर ' का आग्रह छूट जाये, सिर्फ ' स्व ' ही रह जाये, शुद्ध-बुद्ध आत्मा में निवास हो जाये, तो यह मनुष्य उसी क्षण परम आत्मा यानी परमात्मा बन जायेगा | कितना कठिन है स्वस्थ होना और कितना सरल है अस्वस्थ बना रहना! अध्यात्म तो सिर्फ आत्मा को स्वस्थ बनाने की विधि बताता है | आज की उन्न्त कहलाने वाली शिक्षा ने आत्मा को बकवास कहा है | इसके अस्तित्व से भी इनकार किया है | उसके लिए शरीर ही सबकुछ है | वही मनुष्य का आदि भी है और अन्त भी है | अत: यह शिक्षा-प्रणाली शरीर के इर्द-ग‌िर्द ही घूमती रहती है | शरीर से बीमारियों को निकाल बाहर करने के नाम पर एक दिन शरीर को ही निकाल बाहर कर देती है | जिन्हें आत्मा के रहस्य को जानने के लिए स्वस्थ शरीर चाहिए उनके शरीर को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन देने में यह पुस्तक पूर्ण समर्थ है; क्योंकि योग का यही नारा है | - इसी पुस्तक से ' योगासनों से चिकित्सा ' विषय पर लिखी गयी मौलिक और श्रेष्‍ठ कृति है ' योग भगाये रोग ' | इसमें विभिन्न आसनों को सरल भाषा तथा अति रोचक शैली में चित्रों के माध्यम से समझाया गया है | सभी पाठकों के लिए यह संग्रहणीय कृति है |


Ratings & Reviews

0

out of 5

  • 5 Star
    0%
  • 4 Star
    0%
  • 3 Star
    0%
  • 2 Star
    0%
  • 1 Star
    0%