₹40.00
MRPPrint Length
40 pages
Language
Hindi
Publisher
Navajivan Trust
Publication date
1 January 2002
ISBN
9788172293222
हठयोग्मे साधना के लिए अनेक प्रयोग हे | उनमे एक महत्वपूर्ण प्रयोग हे शवासन | यह प्रवृति और निवृति के संतुलन का प्रयोग हे | मनुष्य की प्रवृति क्र साथ लेक्टिक एसिड पैदा होता हे | निवृतिसे उसका प्रतिकार हो जाता हे | शवासन करनेवाला व्यक्ति प्रवृति के साथ चक्र से मुक्त होकर कुछ समय के लिए निवृति का अनुभव करता हे |
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