₹400.00
MRPGenre
Novels And Short Stories, Humor
Print Length
146 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
8188267627, 9789386870124
Weight
280 Gram
नोट वोट है| वोट नोट है| नोट ब्रह्मा है| नोट शिव है| नोट विष्णु है| नोट सर्वत्र है| नोट सर्वज्ञ है| नोट ऊपर है, टेबल के नीचे है, फाइल के अंदर है, बाथरूम में है| नोट-ही-नोट हैं| नोट सूर्य है, चंद्रमा है, सितारा है और पृथ्वी है| नोट लक्ष्मी है| नोट सरस्वती है| नोट सोना है| नोट चाँदी है| नोट नर है, अत: मादा को प्रिय है| नोट दिवाली है| नोट होली है| नोट रोली-मोली है| नोट सतत मूल्य है| नोट धर्म है| नोट राजनीति है| नोट थोक है| नोट खुदरा है| नोट अधिकारी है, कर्मचारी है, गोल है, अत: गोलमाल करता है| नोट है तो मुँह खुल जाता है, मुट्ठी दब जाती है, फाइल चल जाती है| नोट फिसलता है, चमकता है, दमकता है, छलकता है, जाम की तरह खनकता है| जो नोट का सम्मान नहीं करता, वह मूर्ख है, अज्ञानी है, कर्म-फूटा है| नोटभक्षी नरभक्षी से ज्यादा खतरनाक है| नोट कहाँ नहीं है! फाइव स्टार में है, ढाबे और थड़ी में है, चाय की प्याली में है, पान पत्ते में है, मटके और सट्टे में है, बैंक में है, लॉकर में है| यह सगुण साकार है वैसे निराकार है| अत: नोटम् नमामि| -इसी पुस्तक से यशवंत कोठारी के व्यंग्य आज की भौतिकवादी मानसिकता पर जमकर प्रहार करते हैं और आत्मचिंतन करने पर मजबूर करते हैं कि आखिर यह प्रवृत्ति हमें कहाँ ले जाएगी!
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