₹200.00
MRPGenre
Novels And Short Stories, Memoir And Biography, Spiritual
Print Length
152 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789383111510
Weight
275 Gram
महात्मा कबीर आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी कालजयी वाणी में वे युगों-युगों तक हमारे सामने परिलक्षित होते रहेंगे| उनकी वाणी का अनुसरण करके हम अपना वर्तमान ही नहीं, अपितु भविष्य भी सँवार सकते हैं| कबीर ने सदैव निष्पक्ष होकर सत्य-पथ का अनुगमन किया और शाश्वत मानव-मूल्यों पर जोर दिया| उन्होंने चमत्कारों, अंधविश्वास, पाखंड और अवैज्ञानिक अवधारणों का कभी समर्थन नहीं किया| कबीर ने तात्कालिक समाज में व्याप्त कुरीतियों, धार्मिक भेदभावों, असमानता और जातिवाद आदि विकारों को दूर करने का भरसक प्रयास किया और इसमें उन्हें आंशिक सफलता भी मिली| सामान्य तरीके से जन्म लेकर और एक अति सामान्य परिवार में पलकर कैसे महानता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह महात्मा कबीर के आचार-व्यवहार, व्यक्तित्व और कृतित्व से सीखा जा सकता है| इस पुस्तक में, वर्तमान प्रासंगिकता को ध्यान में रखकर, संत कबीर की अमर वाणी को सूक्तियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे कि पाठकों को कबीर को समझने और उनके दरशाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल सके|
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