Sampoorna Bal Sahitya: Vol 1, 2 (संपूर्ण बाल-साहित्य, भाग १, २)

By Shriramvriksha Benipuri (श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी)

Sampoorna Bal Sahitya: Vol 1, 2 (संपूर्ण बाल-साहित्य, भाग १, २)

By Shriramvriksha Benipuri (श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी)

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Specifications

Genre

Children

Print Length

568 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2018

ISBN

9789350481011, 9789350481028

Weight

1145 Gram

Description

भारत में जिन दिनों बाल-साहित्य प्रारंभ हुआ था, उन्हीं दिनों बेनीपुरीजी ने इस विधा को चुना था और बच्चों के लिए लिखना शुरू कर दिया| बेनीपुरी हिंदी बाल-साहित्य के एकमात्र ऐसे लेखक हैं, जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से बड़े पैमाने पर बाल-साहित्य लिखा है| उन्होंने बाल-कथाएँ लिखीं, महापुरुषों की जीवनियाँ तैयार कीं और बच्चों को प्रेरित करनेवाली साहस-कथाएँ भी लिखीं| ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र की नई से नई जानकारी का परिचय दिया| संभवत: रवींद्रनाथ ठाकुर को छोड़कर किसी भी दूसरे भारतीय लेखक के बाल-साहित्य में बेनीपुरी जितनी विविधता नहीं है| उन्होंने 1926 में सर्वप्रथम हिंदी में बच्चों की पत्रिका 'बालक’ का प्रकाशन और संपादन भी शुरू किया था| इस संकलन में 'अमर कथाएँ-लावजे से लेनिन तक’ (प्रथम प्रकाशित 1949), 'हम इनकी संतान हैं’ (प्रथम प्रकाशित 1948), 'संसार की मनोरम कहानियाँ’ (प्रथम प्रकाशित 1950), 'सियार पाँड़े’ (प्रथम प्रकाशित 1925), 'अनोखा संसार’ (प्रथम प्रकाशित 1942), 'गुरु गोविंद सिंह’ (प्रथम प्रकाशित 1926), 'हीरामन तोता’ (प्रथम प्रकाशित 1927) तथा 'बेटियाँ हों तो ऐसी’ (प्रथम प्रकाशित 1948) सम्मिलित हैं|


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