Vikasit Bihar Ki Khoj (विकसित बिहार की खोज़)

By Nitish Kumar (नितीश कुमार)

Vikasit Bihar Ki Khoj (विकसित बिहार की खोज़)

By Nitish Kumar (नितीश कुमार)

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Specifications

Genre

Novels And Short Stories

Print Length

280 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2012

ISBN

9788173158872

Weight

455 Gram

Description

सन‍् 1957 में प्रधानमंत्री नेहरू ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संदर्भ में लोकसभा में कहा था-' ' बोलने के लिए वाणी की जरूरत होती है, किंतु मौन के लिए वाणी और विवेक दोनों की जरूरत पड़ती है| '' बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के विषय में भी शायद पंडित नेहरू का यह वाक्यांश सटीक बैठता है| मुख्यमंत्री नीतीश बाबू चाहे प्रतिपक्ष में रहे या पक्ष में, सदन के एक-एक पल का उपयोग किया, ताकि संसदीय जनतंत्र मजबूत हो एवं जन- भागीदारी का यह मुखर मंच अपने मकसद में कामयाब हो| वे कर्पूरी ठाकुर की राजनीति के कायल रहे हैं| उन्होंने राजनीति में सिद्धांतों और मूल्यों की पैरवी की और इन्हें सही मायनों में अपनाया भी| यह कहना अतिशयोक्‍ति नहीं होगी कि उनके कार्यकाल में बिहार राज्य का कायाकल्प हो गया है| प्रस्तुत पुस्तक में नीतीश बाबू के बहुआयामी व्यक्‍तित्व एवं कार्यों का विवेचन किया गया है| एक राजनेता के रूप में वे अपनी वाणी से कुछ न कहकर अपना उत्तर रचनात्मक कार्यो के रूप में देते हैं| उनकी मान्यता है कि सुशासन का लाभ अंतिम व्यक्‍ति तक पहुँचे| राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता का प्रमाण देनेवाले इन लेखों से आम आदमी का राजनीतिज्ञों में और विकास के कामों में विश्‍वास बढेगा|


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