Patna Main 1857 Ki Bagawat (पटना में १८५७ की भगवत)

By William Taylor (विलियम टेलर)

Patna Main 1857 Ki Bagawat (पटना में १८५७ की भगवत)

By William Taylor (विलियम टेलर)

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Specifications

Genre

Novels And Short Stories

Print Length

200 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2006

ISBN

9789382898337

Weight

320 Gram

Description

विलियम टेलर ने सन् 1857 में पटना विद्रोह को दबाने में अहम भूमिका निभाई थी, किंतु उसकी अनेक गतिविधियाँ ऊपर के पदाधिकारियों को पसंद नहीं आईं| अति उत्साह में उसके द्वारा उठाए गए कदमों की काफी आलोचना हुई| बिना पुख्ता सबूत के लोगों को फाँसी देना, धोखे से वहाबी पंथ के तीनों मौलवियों को गिरफ्तार करना, उद्योग विद्यालय खोलने के लिए जमींदारों से जबरदस्ती चंदा वसूल करना, पटना के प्रतिष्‍ठित बैंकर लुत्फ अली खाँ के साथ बदसलूकी से पेश आना, मेजर आयर को आरा की तरफ कूच करने से मना करना, बगावत की आशंका से सारे यूरोपीयनों को पटना बुला लेना इत्यादि अनेक कदम टेलर ने उठाए, जिससे ऊपर के पदाधिकारी, खासकर लेफ्टिनेंट गवर्नर हैलिडे बहुत नाराज हुए| परिणामस्वरूप 5 अगस्त, 1857 को विलियम टेलर को पदमुक्‍त कर दिया गया| प्रस्तुत पुस्तक ‘पटना में 1857 की बगावत’ विलियम टेलर द्वारा अपने आपको दोषमुक्‍त साबित करने के लिए लिखी गई थी| इसमें उसने बताया है कि कितनी विषम परिस्थितियों में अपनी जान जोखिम में डालकर उसने अंग्रेज कौम का भला किया और एक सच्चे अंग्रेज का फर्ज निभाया| पटना में स्वतंत्रता के प्रथम आंदोलन का जीवंत एवं प्रामाणिक इतिहास|


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