Savarkar Samagra Vol. 8 (सावरकर समग्र, भाग ८)

By Vinayak Damodar Savarkar (विनायक दामोदर सावरकर)

Savarkar Samagra Vol. 8 (सावरकर समग्र, भाग ८)

By Vinayak Damodar Savarkar (विनायक दामोदर सावरकर)

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Specifications

Genre

History

Print Length

625 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2014

ISBN

9788173153280

Weight

860 Gram

Description

सावरकर' शब्द साहस, शौर्य, पराक्रम और राष्‍ट्रभक्‍त‌ि का पर्याय है| क्रांतिकारी इतिहास के स्वर्णिम पृष्‍ठों पर अंकित स्वातंत्र्यवीर सावरकर का समूचा व्यक्‍त‌ित्व अप्रतिम गुणों से संपन्न था | मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए प्राण हथेली पर रखकर जूझनेवाले महान् क्रांतिकारी; जातिभेद, अस्पृश्यता व अंधश्रद्धा जैसी सामाजिक बुराइयों को समूल नष्‍ट करने का आग्रह करनेवाले महान् द्रष्‍टा; ' गीता ' के कर्मयोग सिद्धांत को अपने जीवन में आचरित करनेवाले अद‍्भुत कर्मचोगी; अनादि- अनंत परमात्मा का प्राणमय प्रस्कुरण स्वयं के अंदर सदैव अनुभव करते हुए अंदमान जेल की यातनाओं को धैर्यपूर्वक सहनेवाले महान् दार्शनिक, अपने तेजस्वी विचारों से सहस्रों श्रोताओं को झकझोर देने और उन्हें सम्मोहित करनेवाले अद‍्भुत वक्‍ता तथा कविता, उपन्यास, कहानी, चरित्र, आत्मकथा, इतिहास, निबंध आदि विभिन्न विधाओं में उच्च कोटि के साहित्य की रचना करनेवाले प्रतिभाशाली साहित्यकार थे स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर | स्वतंत्रता-संग्राम एवं समाज-सुधार जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण कार्य करनेवाला व्यक्‍त‌ि उच्च कोटि का साहित्यकार भी हो, यह अपवाद है- और इस अपवाद के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं वीर सावरकर | भारतीय वाड्मय में उनके साहित्य का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है; किंतु वह अधिकांश मराठी में उपलब्ध होने के कारण इस महान् साहित्यकार के अप्रतिम योगदान के बारे में अन्य भारतीय भाषाओं के पाठक अधिक परिचित नहीं हैं | वीर सावरकर के चिर प्रतीक्षित समग्र साहित्य का प्रकाशन हिंदी जगत् के लिए गौरव की बात है |


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