Pehla Girmitiya (पहला गिरमिटिया)

By Giriraj Kishore (गिरिराज किशोर)

Pehla Girmitiya (पहला गिरमिटिया)

By Giriraj Kishore (गिरिराज किशोर)

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Specifications

Genre

Novels & Short Stories

Print Length

906 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2015

ISBN

9788170289524

Weight

980 Gram

Description

गिरमिटिया' अंग्रेजी के शब्द 'एग्रीमेंट' का बिगडा हुआ रूप है। यह वह एग्रीमेंट या गिरमिट' है जिसके तहत हजारों भारतीय मज़दूर आज से डेढ़ सौ साल पहले दक्षिण अफ्रीका … में काम की तलाश में गये थे । एक अजनबी देश, जिसके लोग, भाषा, रहन-सहन, खानपान एकदम अलग. . और सारे दिन की कडी मेहनत के बाद न उनके पास कोई सुविघा, न कोई अधिकार । तभी इंग्लैण्ड से वकालत की पढाई पूरी कर 1893 में मोहनदास करमचंद गाँधी दक्षिण अफ्रीका पहुंचते हैं । रेलगाडी का टिकट होने के बावजूद उन्हें रेल के डिब्बे से सामान समेत बाहर निकाल फेंका जाता है। इस रंगभेद नीति के पहले अनुभव ने युवा गाँधी पर गहरी छाप छोडी रंगभेद नीति की आड़ में दक्षिण अफ्रीका में काम कर रहे भारतीय मज़दूरों पर हो रहे अन्याय गाँधी को बर्दाश्त नहीं होते और वे उन्हें उनके अधिकार दिलाने के संघर्ष में पूरी तरह जुट जाते हैं । बंधुआ मज़दूरों के साथ अपनी एकता को प्रदशिंत करने के लिए आप को "पहला गिरमिटिया' कहते हैं । 19वी और 20 सदी के दक्षिण अफ्रीका की सामाजिक, राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस उपन्यास को सन 2000 के व्यास सम्मान से पुरस्कृत किया गया । 'शतदल सम्मान' और "गाँधी सम्मान' से सुसज्जित 'पहला गिरमिटिया' गाँधी जी को समझने का एक सफल प्रयास है।


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