₹300.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
480 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2011
ISBN
9788170282280
Weight
600 Gram
साहित्य नई कांजी के उदूभव तथा विकास में मोहन राकेश का अग्रणी स्थान है । उन्होंने अपने जीवन-काल में साठ के लगभग कहानियाँ लिखीं जो 1947 से 1969 के बीच विभिन्न संग्रहों में प्रकाशित होती रहीं । फिर 1972 में इन सब कहानियों का संकलन तीन संग्रहों में प्रकाशित हुआ, जिनके साथ कमलेश्वर ने पुस्तकाकार अप्रकाशित एक दर्जन कहानियों को सम्पादित कर चौथे संग्रह के रूप में प्रकाशित कराया । समय बीतते ये संग्रह भी समाप्त हो गए और यह ज़रूरत महसूस की जाने लगी कि सभी कहानियों एक ही संग्रह में प्रकाशित की जाएं । प्रस्तुत संग्रह इसी मांग का परिणाम है । यह अन्तिम तथा स्थायी रूप है
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