₹135.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
236 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789350642337
Weight
100 Gram
बोलेगी न बुलबुल अब खुशवंत सिंह के उपन्यास “आई शैल नॉट हियर द नाइटिंगेल' का अनुवाद है। समय है 1942-3 जब भारतीय क्रांतिकारियों का भारत छोड़ो" आंदोलन अपनी चरम सीमा पर था। अंग्रेजों के प्रति वफ़ादार, फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट सरदार बूटा सिंह अपने परिवार के साथ अमृतसर में रहते हैं और खबर है कि जल्द ही सम्मान-ची में उनका नाम आने वाला है। लेकिन बूटा सिंह इस बात से बिलकुल बेखबर हैं कि उनका बेटा क्रांतिकारियों के एक गिरोह का नेता बन गया है और अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करने में लगा है । बूटा सिंह को जब यह बात पता चलती है तो वह अपने बेटे को बेदखल कर देते हैं। भगवान में आस्था रखनेवाली बूटासिंह की पत्नी सभराई अपने वाहे गुरु से इस मुश्किल घड़ी का सामना करने के लिए अरदास करती है। एक तरफ बेटे की जिन्दगी जीवन और मृत्यु के बीच झूल रही है तो दूसरी तरफ उसके पति की इज्जत का सवाल है। कैसे होगा इस कठिन घड़ी में बचने का उपाय... जानेज्माने लेखक और पत्रकार खुशवंत सिंह का यह उपन्यास भावनाओं की इस उधेड़बुन को बखूबी दर्शाता है।
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