₹295.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
112 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789350642573
Weight
262 Gram
काल्पनिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस उपन्यास में लेखक आर. के. नारायण ने एक अपने से मिलता-जुलता किरदार रचा है जो बेहद मजेदार कहानियां सुनाने वाला बातूनी है। बातूनी एक पत्रकार के रूप में अपनी जगह बनाने में लगा हुआ है। उसकी मुलाकात होती है डा. रोन से जो मालगुडी में संयुक्त राष्ट्र की एक बहुत बड़ी परियोजना पर काम करने के लिए पहुंचते हैं। डा. रोन बातों में बातूनी से भी ज़्यादा होशियार हैं और बातूनी को फुसलाकर उसके ही घर में रहने लगते हैं। पता चलता है कि मालगुडी में आए मेहमान, डा.रोन मालगुडी की किसी लड़की को बहकाने के चक्कर में हैं और तभी उनकी पत्नी भी वहाँ आ पहुँचती है! क्या होता है इस सबका अंजाम-पढ़िए इस चुलबुली, जादुई कहानी में। विश्वप्रसिद्ध भारतीय लेखक आर. के. नारायण की यह विशेषता रही है कि वह जिन्दगी की छोटी से छोटी बात को बहुत जीवंत और मनोरंजक बना देते हैं। गाइड और मालगुडी की कहानियाँ की तरह इस उपन्यास में भी जीवन के हर रस का आनन्द पाठक को मिलता है।
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