₹350.00
MRPGenre
Print Length
184 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789352663781
Weight
364 Gram
कन्नड़ में कहानी साहित्य की अत्यंत पुरानी परंपरा है। कन्नड़ में आधुनिक कहानियों की परंपरा अन्य भारतीय भाषाओं के आधुनिक साहित्य की तरह उन्नीसवीं सदी के अंतिम भाग तथा बीसवीं सदी के आरंभकाल से शुरू होती है। भारतीय साहित्य में ही प्रमुख रूप से उभरकर दिखनेवाले वरिष्ठ साहित्यकारों के समकालीन होकर कई युवा लेखकों के परिश्रम के फलस्वरूप कन्नड़ साहित्य भारतीय साहित्य की अग्रपंति में खड़े होने की स्थिति में पहुँचा है। सार के दशक के बाद आगे बढ़कर महिला संवेदना से परिपूर्ण महिला जीवन के दु:ख-दर्द, शोषण, महिला-पुरुष के बीच सामाजिक दृष्टि, भू्रण हत्या, कामकाजी महिला की स्थिति को लेकर लिखी गई कहानियाँ; मुसलिम संवेदना—जैसे बोळुवार मोहम्मद कुभ, फकीर अहमद काटपाडी, रंजान, दर्गा, सारा अबूबकर जैसे लेखकों द्वारा रचित कहानियाँ कन्नड़ भाषा को भारतीय साहित्य में विशिष्ट स्थान दिलवाती हैं। कन्नड़ के मूर्धन्य कथाकारों के विशिष्ट लेखन की झलक है ‘कन्नड़ की लोकप्रिय कहानियाँ’।
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