₹700.00
MRPGenre
Print Length
136 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2023
ISBN
9789355620583
Weight
316 Gram
"कहते हैं कि एक ऋषि अपने गुरुकुल में शिष्यों को कुछ बता रहे थे, फिर अचानक उन्हें जाने क्या सूझा कि उन्होंने सबसे आगे बैठे शिष्य को अपने बगल में रखी अमरूद से भरी टोकरी में से सभी को एक-एक फल देने को कहा। फिर गुरुदेव ने कहा—मैं थोड़ा बाहर जा रहा हूँ, मेरे आने तक अमरूद रखे रहना। इतना कहकर गुरुदेव बाहर चले गए। इसके लगभग दो घंटे बाद गुरुदेव आए और उन्होंने अमरूद के लिए पूछा। मात्र दो शिष्य ऐसे थे, जिन्होंने गुरु की आज्ञा का पालन किया था, उन दो शिष्यों ने अमरूद नहीं खाया था। उनके गुरु ने उन दोनों शिष्यों को अमरूद से भरी एक- एक टोकरी दी। सारे शिष्य देखते रह गए। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसके बाद गुरुदेव ने शिष्यों को समझाया। उन्होंने कहा कि मैं जानता था कि तुम सब सुबह से भूखे हो, यह जानते हुए मैंने तुम सबको एक-एक अमरूद दिया और मेरे आने तक अमरूद नहीं खाने के लिए कहा। यह तुम्हारे धैर्य की परीक्षा थी, जिसमें केवल दो ही उत्तीर्ण हुए, बाकी भूख सहन नहीं कर सके। ये अमरूद से भरी टोकरियाँ इनके धीरज का पुरस्कार हैं। ऋषि ने आगे कहा, हम अपने जीवन में धैर्य ही नहीं रख पाते, जिसकी वजह से हम कुछ बड़ा पाने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए हमें सदैव धैर्य रखना चाहिए।"
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