Karyalaya Jiwan Ki Kahaniyan (कार्यालय की कहानियाँ)

By Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)

Karyalaya Jiwan Ki Kahaniyan (कार्यालय की कहानियाँ)

By Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)

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Specifications

Genre

Novels And Short Stories

Print Length

160 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2010

ISBN

8173151415

Weight

325 Gram

Description

कार्यालय शासनतंत्र के भवन के मुख्य आधार, व्यवस्था और विकास के प्रधान स्तंभ | एकतंत्र और राजतंत्र से लेकर गणतंत्र और प्रजातंत्र के शासनसूत्र का संचालन कार्यालयों और दफ्तरों के छोटे-बड़े भवनों में बैठे अधिकारियों और बाबुओं के हाथ में रहता है | वे ही इसके अभिनेता हैं और वे ही इसके सूत्रधार | वास्तविकता यह है कि देश उसी गति से आगे बढ़ता है जिस गति से देश के दफ्तर उसे चलाना चाहते हैं, उसी दिशा में बढ़ता है जिस दिशा में दफ्तरों की फाइलें उसे बढ़ाना चाहती हैं | कार्यालयी संस्कृति के विशद इंद्रजाल से मोहित समाज की विवशता प्राय: लेखकों और कहानीकारों की लेखनी का विषय रही है; और कथाकारों ने व्यापक फलक पर इस संस्कृति के सच्चे व यथार्थ चित्र उकेरे हैं, जिनमें नैतिक मूल्यों के हास का रूपांकन करते समय उन्होंने कार्यालयी वास्तविकता केशों को अधिक-से-अधिक गहरा करने का प्रयास किया है | इस संग्रह में ऐसे ही कुछ विशिष्‍ट कथाचित्र समाविष्‍ट हैं |


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