Baqar Ganj Ke Sayyad (बाकर गंज के सैयद)

By Asghar Wajahat (असगर वजाहत)

Baqar Ganj Ke Sayyad (बाकर गंज के सैयद)

By Asghar Wajahat (असगर वजाहत)

150.00

MRP ₹165 10% off
Shipping calculated at checkout.

Specifications

Genre

Novels & Short Stories

Print Length

144 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2015

ISBN

9789350643730

Weight

100 Gram

Description

भारत जैसे बहुसांस्क्ृतिक राष्ट्र में अनेक अस्मिताएँ हैं। कौमी तराने 'सारे जहाँ से अच्छा” में इकबाल ने लिखा था 'ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा ! वो दिन है याद तुझको । उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा / असगर वजाहत ऐसे ही एक कारवाँ की तलाश में जुटे हैं जो कभी हिन्दुस्तान में आया था और यहाँ की गंगा-जमनी तहजीब में विलीन हो गया। करगंज के सैयद इस तलाश का आख्यान है। इसे इतिहास कहें या यात्रा वर्णन? उपन्यास कहें या संस्मरण ? कथा पोर्ताज कहें या ऐतिहासिक रिपोर्ताज ? वजाहत इस अनोखी यात्रा में पाठकों को अवध के भूले-बिसरे गाँवों में ले जाते हैं और रास्ता भटक न जाएँ इसके लिए इतिहास की किताबों का सहारा लेते बढ़ते हैं। इतिहास और उर्दू-फारसी के गहरे ज्ञान से यह रचना सम्भव हुई है और असगर वजाहत इसे जिस निर्मल-पारद्शी गद्य में पाठकों के लिए प्रस्तुत करते हैं वह बड़े कथाकार का ही कौशल है। हिन्दी में अपनी तरह की यह पहली रचना है जो इतिहास और साहित्य का सृजनात्मक मिश्रण करती है। यह मिश्रण कभी जड़ों की तलाश में भटकने की बेचेन यात्रा जैसा है तो कभी इतिहास की अनजानी-अनदेखी लहरों पर सवार होने का सुख देने वाला है। सच तो यह है कि किस्सागोई जैसी भाषा में असगर वजाहत अनदेखे को दिखाने का दुर्लभ काम करते हैं।


Ratings & Reviews

0

out of 5

  • 5 Star
    0%
  • 4 Star
    0%
  • 3 Star
    0%
  • 2 Star
    0%
  • 1 Star
    0%