Prem Kya Hai, Akelapan Kya Hai (प्रेम क्या है ? अकेलापन क्या है)

By J. Krishnamurti (जे. कृष्णमूर्ति)

Prem Kya Hai, Akelapan Kya Hai (प्रेम क्या है ? अकेलापन क्या है)

By J. Krishnamurti (जे. कृष्णमूर्ति)

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Specifications

Genre

Philosophy

Print Length

192 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2014

ISBN

9789350641330

Weight

100 Gram

Description

जिसे हम प्रेम कहते-समझते हैं, क्या वह सच में प्रेम है? क्या अकेलेपन की वास्तविकता प्रकृति वही है जिसका अनुमान हमें डराता है और हम उससे दूर भागते रहते हैं, और इस कारण जीवन में कभी भी उस एहसास से हमारी सीधे-सीधे मुलाकात नहीं हो पाती? दैनिक जीवन के निकर्ष पर इन दो सर्वाधिक आवृत प्रतीतियों के अनावरण का सफर है: 'प्रेम क्या है? अकेलापन क्या है?' जे. कृष्णमूर्ति के शब्दों में अधिष्ठित निःशब्द से रहस्यों के धुँधलके सहज ही छँटते चलते हैं, और जीवन की उजास में उसकी स्पष्टता सुव्यक्त होती जाती है। 'मन जब किसी भी तरकीब का सहारा लेकर पलायन न कर रहा हो, केवल तभी उसके लिए उस चीज़ के साथ सीधे-सीधे संपर्क-संस्पर्श में होना संभव है जिसे हम अकेलापन कहते हैं, अकेला होना। किंतु, किसी चीज़ के साथ संस्पर्श में होने के लिए आवश्यक है कि उसके प्रति स्नेह हो, प्रेम हो।


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