Parivartan Ki Rooprekha (परिवर्तन की रूपारेखा)

By A. P. J. Abdul Kalam (ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)

Parivartan Ki Rooprekha (परिवर्तन की रूपारेखा)

By A. P. J. Abdul Kalam (ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)

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Specifications

Genre

Novels & Short Stories, Memoir & Biography

Print Length

254 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2012

ISBN

9789350642788

Weight

100 Gram

Description

1998 में डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी पुस्तक भारत 2020: नवनिर्माण की रूपरेखा प्रकाशित हुई जिसने देश के नागरिकों की कल्पना और विकास की इच्छा को बहुत ऊँची उड़ान दी। इस पुस्तक में डा. कलाम ने अनेक गम्भीर सुझाव और एक कार्यप्रणाली प्रस्तुत की जिससे भारत कुछ ही समय में विश्व की पाँच महाशक्तियों में से एक बन सकता है। उसी सोच को अपने सह लेखक वी पोनराज के साथ डा. कलाम ने इस पुस्तक में आगे बढ़ाया है। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के अपने सपने के प्रति पहले की भाँति पूरी कटिबद्धता के साथ डा. कलाम ने इस बात की पड़ताल की है कि आवश्यक लक्ष्य पाने के लिए हमें क्या करना होगा। उनका मानना है कि विकसित देश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें यह सब करने की आवश्यकता है: देश की युवा-शक्ति का भरपूर उपयोग, संसद की ऐसी कार्यप्रणाली जो समय का पूरा सदुपयोग करे और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश के व्यापक विज़न को हासिल करने के लिए पूरी तरह से जुट जाएँ, एक ऐसी विकास-योजना की स्थापना जिसमें शहरी और ग्रामीण अन्तर समाप्त हो सके और सभी नागरिकों को समान अवसर और अधिकार प्राप्त हों। समय की माँग है कि हम विरोध और व्यवधान की राजनीति को पीछे छोड़ें और भारत को बुलन्दी पर देखने के सपने को साकार करें।


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