Main Bhism Bol Raha Hun (मैं भीष्म बोल रहा हूँ)

By Bhagwatisharan Mishra (भगवतीशरण मिश्र)

Main Bhism Bol Raha Hun (मैं भीष्म बोल रहा हूँ)

By Bhagwatisharan Mishra (भगवतीशरण मिश्र)

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Specifications

Genre

Novels & Short Stories, Memoir & Biography

Print Length

220 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2011

ISBN

9789350641613

Weight

100 Gram

Description

महाभारत में सबसे विशिष्ट चरित्र भीष्म पितामह का है। अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की और साथ ही राजसिंहासन पर अपने अधिकार को भी तिलांजलि दी। दुर्योधन के विचारों, नीतियों और दुष्कर्मों के घोर विरुद्ध रहते हुए भी कौरवों के पक्ष की सेवा करने की विवशता को स्वीकार किया। राजदरबार में द्रौपदी चीरहरण के समय क्रोध और लज्जा से दाँत पीसकर रह गए। परंतु खुलकर विरोध करने में विवश रहे। महाभारत युद्ध में भी कौरव सेना का सेनापतित्व करना पड़ा। जबकि मन से पाण्डवों के पक्षधर थे। उनका हृदय पाण्डवों के साथ था, शरीर कौरवों की सेवा में। अनेक अन्तर्विरोधों से भरे भीष्म पितामह के चरित्र को बहुत ही पैनी दृष्टि से परखते हुए रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है इसके लेखक भगवतीशरण मिश्र ने।


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