By D. D. Ojha (डी. डी. ओझा), B. J. Vasavada (बी. जे. वसवाडा)
By D. D. Ojha (डी. डी. ओझा), B. J. Vasavada (बी. जे. वसवाडा)
₹150.00
MRPGenre
Other
Print Length
151 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
8188266183
Weight
245 Gram
जल हमारे पर्यावरण का एक महत्त्वपूर्ण घटक है तथा पंचमहाभूतों में विशिष्ट भूमिका निभाता है | किसी भी देश के विकास में जल की स्थिति का आकलन पहले किया जाता है | साधारण सा दिखनेवाला जल अपने गुणों की दृष्टि से है बहुत विलक्षण | यह अपने आप में अपवाद भी है | जल को जीवन की भी संज्ञा दी गई है | यह रोगकारक एवं रोगशामक भी है | पृथ्वी पर स्वच्छ जल की मात्रा भी निर्धारित ही है; परंतु मानव अपनी विकास-यात्रा तथा अन्य क्रिया-कलापों के कारण इस प्राकृतिक संपदा को प्रदूषित भी कर रहा है, अपव्यय भी कर रहा है | आज इक्कीसवीं सदी में स्वच्छ पेयजल सबके लिए एक गंभीर विषय है | अत: जल से संबद्ध रोचक जानकारियाँ प्रस्तुत पुस्तक में अत्यंत ही सरल एवं बोधगम्य भाषा में दी गई हैं | पचास से अधिक दिए गए चित्र पुस्तक को और भी उपयोगी बनाते हैं | हमें विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर पाठकगण जल से संबद्ध जानकारी से स्वयं कौ समृद्ध व संपन्न कर सकेंगे |
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