Ratrikaleen Sansad (रात्रिकालीन संसद्)

By Neerja Madhav (नीरजा माधवी)

Ratrikaleen Sansad (रात्रिकालीन संसद्)

By Neerja Madhav (नीरजा माधवी)

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Specifications

Genre

Other

Print Length

296 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2011

ISBN

9789382898009

Weight

440 Gram

Description

डॉ. नीरजा माधव उपन्यास विधा की असाधारण सिद्धि संपन्न लेखिका हैं| अपने उपन्यासों के माध्यम से वे अपने युग के प्रति एक व्यापक प्रतिक्रिया, उसकी विसंगतियों के प्रति एक मुखर बेचैनी को अभिव्यक्‍ति तो देती ही हैं, साथ-ही-साथ भारतीय जीवन के अव्यय भाव को एक शब्दाकृति भी देती हैं| भाव-प्रवणता, विचार-विदग्धता और विविधतापूर्ण शैली, उनके गद्य लेखन, विशेष रूप से उपन्यास लेखन की विशिष्‍टता और लेखिका की पहचान है| प्रस्तुत उपन्यास ‘रात्रिकालीन संसद्’ में एक-एक शब्द ध्वनि-तरंगों को एक सजीव आकृति देते हुए उनकी विशिष्‍ट उपस्थिति के साथ पाठकों को एक दूसरे ही लोक में विचरण करवा सकने में अद‍्भुत रूप से सफल होते हैं| लेखन की यह विशिष्‍ट शैली निस्संदेह उपन्यास विधा का महत्त्वपूर्ण परिवर्तन बिंदु प्रमाणित होगी| ध्वनि-तरंगें कभी नष्‍ट नहीं होतीं| यह एक प्रकार की ऊर्जा है| यही विशिष्‍ट ध्वनि-तरंगें पात्रों के रूप में राष्‍ट्रीय उथल-पुथल की साक्षी बनती हैं, असह्य वेदना महसूस करती हैं और महाक्रांति का आह्वान करने को तत्पर भी होती हैं| अपने आप में एक नए ढंग का अद‍्भुत उपन्यास है-‘रात्रिकालीन संसद्’|


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