₹295.00
MRPGenre
Print Length
196 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2011
ISBN
9788170286745
Weight
340 Gram
नोबेल-मुरस्कार-विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन संस्कृति और समाज-विज्ञान के भी मौलिक चिन्तक है । अपनी पूर्व प्रकाशित पुस्तक 'भारतीय अर्थतंत्र, इतिहास और संस्कृति' में उन्होंने संस्कृति और मानव धर्म से जुडे प्रश्नों पर विस्तारपूर्वक विचार किया था । अब अपनी इस नई पुस्तक में एक सर्वथा नए विषय और मौलिक चिन्तन दृष्टि के रग़थ हमारे सन्मुख है । अस्तित्व अथवा पहचान का प्रश्न और जंगल दो आग की तरह फैल रही हिंसा को गाजी अर्थपूर्ण परख और समीक्षा इस पुस्तक का विषय है । विद्वान लेखक के गहरे अनुशीलन और चिंतन का परिणाम यह अत्यंत महत्वपूर्ण सामजिक पुस्तक करती रही हैl
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