₹215.00
MRPGenre
Print Length
232 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2014
ISBN
9788170286691
Weight
260 Gram
शिक्षा क्या है में जीवन से संबंधित युवा मन के पूछे-अनपूछे प्रश्न है और जे. कृष्पामूर्ति की दूरदर्शी दृष्टि इन प्रश्नों को मानो भीतर से आलोकित कर देती है पूरा समाधान कर देती है । ये प्रश्न शिक्षा के बारे में हैं, मन के बारे से है जीवन के बारे में है विविध हैं किन्तु सब एक दूसरे से जुडे हैं। "गंगा बस उतनी नहीं है जो ऊपर-ऊपर हमें नजर आती हैं। गंगा तो पूरी की पूरी नदी है, शुरू से आखिर तक; जहां इसका उद्गम होता है उस जगह से वहां तक, जहां यह सागर से एक हो जाती हैं। सिर्फ सतह पर जो पानी दिख रहा है वही गंगा है यह सोचना तो नारामझी होगी। ठीक इसी तरह से हमारे होने में भी कई चीजे शामिल है और हमारी ईजादें, सूझें, हमारे अंदाजे, बिस्वास, पूजा-पाठ, मंत्र-ये सब-के-सब तो सतह पर ही हैं। इनकी हमें जांच-परख करनी होगी, और तब इनसे मुक्त हो जाना होगा-इन सबसे, सिर्फ उन एक या दो विचारों, एक या दो विधि-विधानों से ही नहीं, जिन्हें हम पसंद नहीं करते ।
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