Baba Shekh Farid Ratnawali (बाबा शेख फरीद रत्नावली)

By Jasvinder Kaur Bindra (जसविंदर कौर बिंद्रा)

Baba Shekh Farid Ratnawali (बाबा शेख फरीद रत्नावली)

By Jasvinder Kaur Bindra (जसविंदर कौर बिंद्रा)

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Specifications

Print Length

152 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789381063583

Weight

305 Gram

Description

भारत में सूफी काव्य-परंपरा काफी समृद्ध रही है| मुसलमान कवियों ने पंजाब में सूफी काव्य की बुनियाद रखी, जिनमें शेख फरीद सर्वोपरि हैं| उनका पूरा नाम फरीदुद‍्दीन ‍मसऊद शक्करगंज है| दरअसल, शेख फरीद से ही भारतीय सूफी काव्य का आरंभ माना जाता है| फरीद का जन्म हिजरी 569 अर्थात् 1173 ईसवी में हुआ| उस दिन मोहर्रम की पहली तारीख थी| फरीद के पिता उनकी बाल्यावस्था में ही गुजर गए थे| उनकी माता ने ही उनके पालन-पोषण व शिक्षा की जिम्मेदारी पूरे फकीरी तथा दरवेशी ढंग से निभाई| उन्होंने बचपन से ही बालक फरीद को खुदापरस्ती की शिक्षा दी| पवित्र तथा संत स्वभाववाली माता की देखरेख में फरीद बचपन से ही प्रभु-भक्‍त हो गए| किशोर अवस्था में फरीद अपने सूफियाना स्वभाव के कारण कोतवाल (खोतवाल) में प्रसिद्ध हो गए थे| प्रस्तुत पुस्तक में उनके व्यक्‍तित्व एवं उनके द्वारा विविध भाषाओं में रचित साहित्य से परिचित कराया गया है| फरीद-वाणी के दोहों तथा महला को व्याख्या सहित दिया गया है| संत साहित्य में विशिष्‍ट स्थान रखनेवाले बाबा शेख फरीद की रचनाओं का अत्यंत महत्त्वपूर्ण व संग्रहणीय संकलन|


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