₹250.00
MRPGenre
Print Length
240 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
817315094X, 9789351865896
Weight
415 Gram
प्रस्तुत ग्रंथ राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन के क्षेत्र में लेखक के सुदीर्घ अनुभव का फल है| इसमें राजभाषा के विभिन्न पहलुओं के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पक्षों का सम्यक विवेचन किया गया है| भारत सरकार की राजभाषा नीति के तहत विभिन्न सरकारी कार्यालयों में हिंदी/राजभाषा अधिकारियों की नियुक्तियाँ की जा रही हैं| इन पदों पर प्राय: विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा प्राप्त कर आए मेधावी युवाओं की या अनुवाद-कार्य का अनुभव रखने वाले कार्मिकों की नियुक्तियाँ होती हैं| इन अधिकारियों को साहित्य का ज्ञान तो होता है, किंतु हिंदी के राजभाषा स्वरूप और उसके कार्यान्वयन की जानकारी प्राय: नहीं होती है| यह पुस्तक न केवल राजभाषा विभाग से जुड़े अधिकारियों या सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अनुवादकों के लिए अपितु हिंदी अधिकारी/अनुवादक आदि बनने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए भी समान रूप से उपयोगी तथा मार्गदर्शक सिद्ध होगी| इसमें हिंदी की कार्यशालाओं तथा सेमिनारों आदि के आयोजन के लिए भी पर्याप्त सामग्री समाविष्ट है| इस विषय पर उपलब्ध अन्य पुस्तकों में प्राय: मंत्रालयों आदि के संदर्भ में ही राजभाषा-प्रयोग पर विचार किया गया है| किंतु इस ग्रंथ में मंत्रालयों के अतिरिक्त केंद्रीय सरकार के विभिन्न उपक्रमों/उद्यमों/स्वायत्त निकायों आदि की कार्य-पद्धति के अनुरूप राजभाषा-प्रयोग के वास्तविक पक्षों पर भी समुचित सामग्री दी गई है| अतएव यह पुस्तक परिवहन, वाणिज्य, बैंकिंग, कृषि आदि क्षेत्रों ने जुड़े विभिन्न सरकारी उपक्रमों के सभी कर्मचारियों/अधिकारियों के लिए तो विशेष रूप से उपयोगी रहेगी ही, साथ ही आम पाठकों के लिए भी बड़ी रुचिकर सिद्ध होगी|
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