Brhat Visva Sukti Kosa Vol. 2 (बृहत विश्व कोष खंड २)

By Shyam Bahadur Verma

Brhat Visva Sukti Kosa Vol. 2 (बृहत विश्व कोष खंड २)

By Shyam Bahadur Verma

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Specifications

Print Length

950 pages

Language

English

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2014

ISBN

9788173151699

Weight

930 Gram

Description

महत्वपूर्ण व लोकप्रिय सूक्‍त‌ियों का बृहत् संकलन, जिसे तैयार करने में सात वर्ष से आध‌िक समय लगा | एक लाख घंटों से अध‌िक बौद्धिक श्रम का परिणाम | प्रथम संस्करण अल्पावध‌ि में ही समाप्‍त | प्रस्तुत संस्करण पूर्णत : संशोध‌ित - परिवर्धित, अधिक उपादेय | सर्वप्रथम विशाल भारतीय सूक्‍त‌ि कोश, जिसमें क्रमश : संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश तथा आधुनिक भारतीय भाषाओं - हिंदी, उर्दू कश्मीरी, पंजाबी, सिंधी, राजस्थानी, गुजराती, मराठी, बँगला, उड़िया, असमिया, तमिल, तेलुगु कन्नड़, मलयालम - के साथ ही अंग्रेजी, अरबी, फारसी, चीनी, जापानी, यूनानी, लैटिन, फ्रेंच, जर्मन, रूसी आदि की सूक्‍त‌ियों का भी समुचित प्रतिनिध‌ित्व है | लेखकों, संपादकों, वक्‍ताओं, राजनीतिज्ञों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अनुसंध‌ि‍त्सुओं इत्याद‌ि के लिए अत्यंत उपयोगी संदर्भ ग्रंथ, जो सामान्य पाठकों को भी लाभान्वित करेगा | तीन खंडों में विभाजित 1700 से अधिक पृष्‍ठों की अमूल्य सामग्री | प्राय: अनुवाद के साथ मूल भी उपलब्ध | परिवर्धन के अंतर्गत तृतीय खंड के अंत में संस्कृत सूक्‍त‌ियों की संदर्भ अनुक्रमणिका ' सम्मिलित, जो किसी भी संस्कृत सूक्‍त‌ि को , ढूँढने में सहायक होगी और समय भी | बचाएगी | युग - युग के देशी- विदेशो महान् वैज्ञानिकों, कलाकारों, इतिहासकारों, दार्शनिकों, साहित्यकारों, आचार्यों, योद्धाओं, शासकों, नीतिज्ञों, संतों इत्यादि की 16000 से अधिक मार्मिक और कालजयी सूक्‍त‌ियाँ- लगभग 2000 विषयों में वर्गीकृत | विश्‍वसनीय, सहायक और प्रेरक ग्रंथ | प्रत्येक सुख- दु : ख में मार्गदर्शक मनीषी मित्र | ज्ञान का आकर्षक नवनीत|


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