₹300.00
MRPGenre
Print Length
160 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789381063170
Weight
295 Gram
हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास को उत्तर भारत के घर-घर में अकूत सम्मान प्राप्त है| राम की अनन्य भक्ति ने उनका पूरा जीवन राममय कर दिया था| हालाँकि उनका आरंभिक जीवन बड़ा कष्टपूर्ण बीता, अल्पायु में माता के निधन ने उन्हें अनाथ कर दिया| उन्हें भिक्षाटन करके जीवन-यापन करना पड़ा| धीरे-धीरे वह भगवान् श्रीराम की भक्ति की ओर आकृष्ट हुए| हनुमानजी की कृपा से उन्हें राम-लक्ष्मण के साक्षात् दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ| इसके बाद उन्होंने ‘रामचरितमानस’ की रचना आरंभ की| ‘रामलला नहछू’, ‘जानकीमंगल’, ‘पार्वती मंगल’, ‘कवितावली’, ‘गीतावली’, ‘विनयपत्रिका’, ‘कृष्ण गीतावली’, ‘सतसई दोहावली’, ‘हनुमान बाहुक’ आदि उनके प्रसिद्ध ग्रंथ हैं|यह पुस्तक उन्हीं तुलसी को समर्पित है, जो अपनी रचनाओं द्वारा हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमें सामाजिक व आध्यात्मिक रूप से श्रेष्ठ बनने की शिक्षा देते हैं|तुलसी की वाणी, उनकी रचनाएँ मन को छू लेनेवाली हैं; हमें मार्ग दिखानेवाली हैं| इनका संदेश हमारा पाथेय है|
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