₹250.00
MRPGenre
Print Length
256 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788170289586
Weight
285 Gram
साहित्यिक' दृष्टि से यह उपन्यास चैंकाने वाला ही कहा जाएगा। लेकिन है यह बहुत ज़्यादा पठनीय-पाठक इसके पृष्ठ उलटता ही चला जाएगा। यह एक ऐसे अकेले, भले आदमी की कहानी है जो सेक्स की तलाश में भटक रहा है। इस दृष्टि से उपन्यास बहुत सफल है। आश्चर्य ही होता है कि प्रतिभाशाली लेखकों से भरे इस देश में सेक्स का यथार्थ चित्रण करने के लिए एक 85 वर्षीय लेखक को ही आगे आना पड़ा। खुशवन्त सिंह ने अनेक धर्मों-ईसाई, मुस्लिम, हिन्दू, बौद्ध और सिख-की स्त्रियों से नायक मोहनकुमार का सम्बन्ध कराया है-और अन्त में यह उपन्यास एक उदासी छोड़ जाता है।
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