₹185.00
MRPPrint Length
112 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2022
ISBN
9788174831767
Weight
192 Gram
देवदास, पारो और चन्द्रमुखी- ये तीन किरदार प्रेम ५के ऐसे प्रतीक बन गये हैं कि उनकी गिनती लैला-मजनू, शीरी-फरहाद, हीर-रांझा के साथ होने लगी है। बीसवीं सदी के बंगाल के ज़मींदार समाज की पृष्ठभूमि में स्थित यह एक मार्मिक प्रेमगाथा है। इसमें देवदास को अपने बचपन की साथी पारो से अटूट प्यार है। लेकिन यह प्यार परवान नहीं चढ़ता। हताश, परेशान देवदास जब शराब को अपना सहारा बना लेता है तब उसकी ज़िन्दगी में आती है चन्द्रमुखी। देवदास और चन्द्रमुखी का रिश्ता अनोखा है- जिसमें प्यार की अनुभूति के विभिन्न रंग एक साथ झलकते हैं। उपन्यास के हर पृष्ठ पर लेखक की गहरी संवेदना, बारीकी से अपने आस-पास के समाज को देखने-परखने की नज़र और इन सबको अपनी कलम से कागज़ पर उतारने की बेजोड़ क्षमता ही कारण है कि 1917 में लिखा यह उपन्यास आज भी पाठकों के बीच इतना लोकप्रिय है। बांगला लेखक शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के इस लोकप्रिय उपन्यास का अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और भारत में ही इस पर कई भाषाओं में एक दर्जन से अधिक फिल्में बन चुकी हैं।
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