₹250.00
MRPPrint Length
112 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789386534545
Weight
192 Gram
कवि ऋतुराज की यह प्रवास डायरी गद्य का नया आस्वाद देती है। परदेस में बैठे कवि को आती घर की याद और चीन में लगातार बदल रहा परिदृश्य इस डायरी के गद्य को द्वंद्वात्मक बनाते हैं। यहाँ चीन के जीवन की आत्मीय छवियाँ हैं तो विकास की दौड़ में भाग रहे युवाओं के दृश्य डायरी को तार्किक बना देते हैं। अपने प्रवाही और प्रांजल गद्य में ऋतुराज डायरी में चीन के महान साहित्य और संस्कृति की झलक देते हैं तो विकास की आपाधापी में छूट रहे कोमल पक्ष पर भी उनकी निगाह गई है। चीन के जनजीवन को हिन्दी के वरिष्ठ कवि की नज़र से देखना रोचक, आश्वस्तिप्रद और आशा से भरा है।
0
out of 5